शब्द
शिल्पी
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शब्द
शिल्पी पत्रिका और प्रकाशन,सतना
म.प्र.
मारुति
नगर,पो.:बिडला
विकास,सतना,सम्पर्क:९४०६७८१०४०/९४०६७८१०७०
Email: ayaananil@gmail.com
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शब्द
शिल्पी-०९
अंक विमोचित.
सतना
से प्रकाशित होने वाली एक
मात्र हिन्दी और उर्दू की
त्रैमासिक पत्रिका शब्द
शिल्पी-०९
(तीसरे
वर्ष का प्रथम अंक)का
विमोचन कार्यक्रम शब्द शिल्पी
पत्रिका और प्रकाशन सतना के
तत्वावधान में शनिवार २६
अक्टूबर को शायं ७ बजे सुप्रसिद्ध
व्यंग्यकार संतोष
खरे के
निवास राजेन्द्र नगर में
आयोजित किया गया जिसके मुख्य
अतिथि-
वरिष्ट
कवि और व्यंकट क्र.
एक
के पूर्व प्राचार्य
विनोद पयासी थे.
अध्यक्षता
श्री संतोष
खरे ने
की. विशिष्ट
अतिथि के रूप में डां
राजन चौरसिया सुप्रसिद्ध
व्यंग्यकार उपस्थित हुये.
इस
अवसर में सतना के वरिष्ट
साहित्यकार ,पत्रकार
और पत्रिका के संरक्षक तथा
मार्गदर्शक श्री
चिंतामणि मिश्र विषेश
रूप से उपस्थित हुये.
कार्यक्रम
को संयोजित अनिल अयान ,संपादक
शब्द शिल्पी ने किया.
इस
अवसर में श्री
विनोद पयासी ने
कहा कि शब्द शिल्पी से प्रारंभिक
समय से जुडा हुआ हूँ.
यह
पत्रिका लगातार विकास पग पर
अग्रसर है.
इतना
जल्दी सतना जिले में जिस तरह
इस पत्रिका ने स्थान बनाया
है वह अतुलनीय है.
श्री
राजन चौरसिया ने
कहा अनिल अयान इस पत्रिका को
सतना से सीमित संसाधनों के
जरिये जिस तरह नियमित रूप से
निकाल रहे है वह रेगिस्तान
में जलस्रोत तलाश करने की तरह
है. वह
सतना में एक रिक्त स्थान भरने
का काम कर रहे है.
साहित्यकारों
को एक मंच में एकत्र कर रहे
है.
सतना
धमाका के संपादक रवि मिश्र
ने कहा
कि शब्द शिल्पी का जो भी काम
हुआ है वह श्री चिंतामणि मिश्र
के कुशल मार्गदर्शन और अनिल
अयान के द्वारा उस मार्ग को
सही समय पर चयन करने का प्रयास
है हर वर्ष इस पत्रिका में नये
कालम जुडे है और पाठकों की
संख्या में इजाफा भी हुआ है.डां
रेखा चौरसिया ने
कहा शब्द शिल्पी सतना की एक
मात्र पत्रिका है जो हिन्दी
और उर्दू के लिये एक साथ काम
कर रही है जो गंगा जमुनी तहजीब
को बखूबी निभा रही है.
पत्रिका
के संरक्षक श्री
चिंतामणि मिश्र
ने कहा कि पत्रिका जिस तरह
विकास कर रही है इस दरमियां
संपादक जी की जिम्मेवारी बढ
गई है अब उनका कर्तव्य है कि
सामन्जस्य बनाते हुये पाठक
को हर अंक उम्दा और संग्रहणीय
सामग्र उपलब्ध करायें साथ ही
साथ हर विधा को पत्रिका में
स्थान मिले.
अध्यक्षता
कर रहे
संतोष खरे ने
कहा कि पत्रिका तीन वर्षो में
बहुत तीव्रता से नये कलेवर
में आयी है.
और
इस सब के पीछे युवा अनिल अयान
का काम वन मैन आर्मी की तरह है
जिसमें निदेशन का काम चिंतामणि
जी का है पत्रिका में अधिक
अधिक रचनाकार उत्कृष्ट रचनाओं
के साथ ही स्थान पाये जिससे
पत्रिका के साहित्यिक स्तर
को बरकरार रखा जा सके यह प्रयास
होना चाहिये.और
संसाधनों की वृद्धि पर भी
पत्रिका को लगातार प्रयास
करते रहना चाहिये.
शब्द
शिल्पी कई सालों से एक रिक्त
स्थान को प्रभावी रूप से भरा
है. अंत
में शब्द
शिल्पी के संपादक अनिल अयान
ने सभी
अतिथियों का आभार प्रदर्शन
किया.
संपादक
अनिल
अयान
शब्द
शिल्पी,सतना.
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